Tagged “guru purnima vidhi”

 July 4, 2017 

गुरु पूर्णिमा- सफलता के लिये इस दिन को कभी न भूले!

संपूर्ण भारत मे यहा तक कि विदेश मे भी सभी भारतीय गुरु पूर्णिमा का त्योहार पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाते है। इस त्योहार को आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. यह त्योहार कभी जुलाई या कभी आगस्ट महीने मे आता है. इस दिन को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन महर्षि वेद व्यास का भी पूजा का विधान है. उन्हे सद्गुरु या आदि गुरु के रूप मे माना जाता है. क्योकि वेद का ज्ञान उन्होने ही विश्व को दिया.

प्राचीन समय मे जब कोई शिष्य से शिक्षा ग्रहण करता था तो इस दिन श्रद्धा भाव से प्रेरित होकर शिष्य गुरु पूजन कर अपनी सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर कृपा प्राप्त करता था. गुरु की स्मृति हमारे मन मंदिर में हमेशा ताजा बनाए रखने के लिए इस दिन अपने गुरुओं को व्यासजी का अंश मानकर तथा अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए गुरु का आशीर्वाद जरूर ग्रहण करना चाहिए

आईये जानते कि गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिये...

  • इस दिन ढीले-ढाले वस्त्र पहनकर कम से कम एक माला यानी १०८ बार गुरु मंत्र (ॐ गुं गुरुभ्योः नमः) का जाप अवश्य जपना चाहिये.
  • इस दिन अपने माता-पिता या अपने से बडे -बुजुर्गो का आशिर्वाद अवश्य लेना चाहिये.
  • इस अपने गुरु का आशिर्वाद अवश्य लेना चाहिये.
  • किसी कारण से गुरु के पास नही जा सके तो फोन द्वारा अशिर्वाद अवश्य लेना चाहिये...
  • इस दिन अपने गुरु के नाम से किसी भूखे को भोजन करवाना चाहिये.
  • इस दिन गुरु या उनके चित्र की पूजा कर दक्षिणा अवश्य देनी चाहिये.
  • व्यास जी और अपने गुरु का नाम अवश्य लेकर ही जाप करे.
  • अध्यात्मिक किताबे अवश्य पढे
  • परिवार के साथ शिव मंदिर या किसी भी मंदिर मे दर्शन अवश्य करे.
  • इस दिन गुरु से कोई न कोई दिक्षा अवश्य ले.
  • जो साधक है वे इस कोई साधना अवश्य करे
  • घर मे कोई नई वस्तु ला रहे है तो गुरु से आशिर्वाद लेकर लाये.
  • गुरु से आशिर्वाद लेकर ही नये घर या गाडी का रजिस्ट्रशन करे.
  • इस दिन कोई भी नया कार्य गुरु से आशिर्वाद लेकर ही करे.
  • इस दिन गुरु का आशीर्वाद सभी-छोटे-बड़े तथा हर विद्यार्थी के लिए कल्याणकारी ज्ञानवर्द्धक होता है।
  • इस दिन वातावरण पॉजीटिव तरंगे बहती है, इसलिये बडे-बुजुर्ग से, माता-पिता से या गुरु से मिलने वाला आशिर्वाद १० गुना ज्यादा असर दिखाता है.
  • जो साधक है वे लक्ष्मी साधना, सरस्वती साधना, कुबेर साधना या उच्च कटी की महाविद्या साधना को संपन्न करना चाहिये.
  • इस दिन कोई भी अध्यात्मिक वस्तु जैसे यंत्र, माला अवश्य खरीदनी चाहिये