अक्षय तृतीया के दिन को किये उपाय कभी भी बेकार नही जाते!
वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आखा तीज या अक्षय तृतीया मनाई जाती है. हमारे शास्त्रानुसार अक्षय तृतीया के दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। अक्षय का मतलब जिसका कभी क्षय न हो. जो कभी नष्ट न हो. इस दिन सारे शुभ कार्य किये जा सकते है. इस दिन पंचाग, मुहुर्थ देखने की जरूरत नही होती. इस दिन किसी कार्य की शुरुवात अगर कर दी जाय तो सफलता १० गुना अघिक मिलने की संभावना बन जाती है. शास्त्रो के अनुसार यह दिन सौभाग्य और सफलता का सूचक है
आईये जानते है कि कौन -कौन से कार्य करे, जिससे सफलता मिले. सबसे पहले जानेगे कि सामान्यतः कौन- कौन से कार्य कर सकते है, फिर जानेगे कि जो अध्यात्मिक क्षेत्र मे है या साधक है उन्हे क्या करना चाहिये.
See what to do on akshay tritiya
- आज के अपने आस-पास के किसी भी मंदिर मे जाकर जाने-अंजाने किये पापो का प्रायच्छित करना चाहिये.
- पति-पत्नि को साथ मे मंदिर मे दर्शन के लिये जाना चाहिये.
- पति-पत्नि एक साथ जाकर ही आभूषण खरीदना चाहिये.
- अक्षय तृतीया के दिन सगाई- मंगनी- विवाह शुभ माना जाता है.
- तृतीया माता गौरी की तिथी मानी जाती है, इसलिये सुखमय ग्रहस्थ जीवन के लिये शिव परिवार की पूजा अवश्य करे.
- अगर विवाह मे अडचने आ रही हो तो एक नारीयल लेकर माता गौरी का ध्यान कर अपनी मनोकामना अपने मन मे करे और उस नारियल को पीपल के पेड के नीचे रख दे.ऐसा करने से विवाह की बाधाये दूर होने लगती है.
- इस दिन सभी विघ्नो को दूर करने के लिये रुद्राभिषेक अवश्य करवाये.
- इसी दिन शनि का दान अवश्य करे यानी काला तिल, तिल का तेल और एक सिक्का, जिसका वजन ढाई किलो के करीब होना चाहिये. इस दिन ये दान करने शनि का प्रकोप शांत हो जाता है तथा कार्यो मे होने वाली अडचने कम हो जाती है.
- इस दिन लक्ष्मी मंत्र "ॐ रीं महालक्ष्मेय नमः" का जाप ५४० बार यानी ५ माला अवश्य जपे. इस मंत्र को कोई भी जप सकता है लेकिन पति-पत्नि मिलकर ही इस मंत्र को जपे.
- इस दिन मन-पसंद वर की प्राप्ती के लिये कात्यायनी मंत्र "ॐ क्लीं कात्यायने नमः" का ५४० बार या ५ माला अवश्य जप करे तो मनपसंद वर की प्राप्ती होती है.
- इस दिन कोई अध्यात्मिक वस्तु यंत्र, मुर्ती या कोई भी अध्यात्मिक वस्तु खरीदना चाहिये.
अब जानते जो उपासक या साधक है, उन्हे क्या करना चाहिये.
- आज के दिन लक्ष्मी या भौतिक सुख संबंधित कोई भी दिक्षा अवश्य लेनी चाहिये.
- साधना की शुरुवात भी इसी दिन से कर सकते है.
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आज के दिन पंचागुली साधना शुभ
मानी जाती है.
अक्षय तृतीया के दिन का सदुपयोग करे, उसे गवाये नही. यह मानकर चले कि इस दिन किया गया कार्य फल जरूर देता है. इस दिन अच्छे कर्म करे, मधुर ब्यवहार रखे, यथा शक्ति लोगो की मदत करने की कोशिश करे.