मणिपुर चक्र को बैलेंस करे! मणिपुर चक्र की समस्या और उपाय
मणीपुर चक्र- इसे सूर्य चक्र, सोलर चक्र या सुरक्षा चक्र भी कहते है. यह चक्र नाभ चक्री के ऊपर और हृदय चक्र के नीचे होता है. यह अग्नि जल तत्व प्रधान होता है. इसका बीज मन्त्र " रं" माना जाता है. यह प्राणशक्ति को अपने आस-पास के शरीर के भाग मे प्रवाहित करता है. जिससे वे भाग चैतन्य रहते है.
अगर आप बिमार है फिर चाहे वह शारीरिक समस्या हो या मानसिक समस्या. इसका अर्थ यह है कि आपका मणिपुर चक्र खराब है. ब्रम्हांड से प्राणशक्ति को खीच यह चक्र बाकी के चक्रो मे उर्जा को प्रवाहित करता है, किसी कारण से यह चक्र कार्य न कर पाये तब बाकी के चक्रो को उर्जा मिलनी बंद हो जाती है या कम उर्जा मिलती है, इससे उन चक्रो से संबंधित भाग मे शारीरिक समस्याये या मानसिक समस्याये उत्पन्न हो जाती है.
जब यह चक्र खराब हो जाता है या गलत ढंग से कार्य करता है.....तो आईये जानते है इसके क्या कारण है. जैसे....
- स्वयं पर भरोसा न होना यानी आत्मविश्वास की कमी.
- सही निर्णय न ले पाना
- मधुमेह की समस्या
- ब्लडप्रेशर की समस्या
- असुरक्षा की भावना
- किसी अनहोनी का डर
- डरावने सपने आना
- चोरी, लूट-मार का डर
- ब्लैकमैजिक या तंत्र बाधा की समस्या
- भूत-प्रेत का डर
- अकेले रहने पर डर लगना
- अनजाना भय
- हत्या का डर
- बार-बार बिमार पडना पर कारण समझ मे न आना
- किसी को अपने बारे मे बुरा कहते सुनाई देना
- शरीर मे काले धब्बे दिखाई दे और कुछ दिन मे निकल जाये
- बार-बार हादसे होते रहना
- नजर लगना
- चिडचिडापन
- अचानक ही परिवार से या दूसरो से लडाई-झगडा करने लगना
- बिमारी मे दवा का असर न हो पाना
इनमे से कोई भी समस्या का सामना आप कर रहे है तो इसका मतलब यह है कि आपका मणिपुर चक्र खराब है.
आइये अब जानते है कि इस चक्र को बैलेंस कैसे करते है....
एक शांत कमरे का चुनाव करे. दरवाजे की घंटी, मोबाईल फोन को बंद कर दे ढीले-ढाले वस्त्र पहने. एक कुर्सी पर या, जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जाय. अपने ठीक सामने मणिपुर चक्र का चित्र ले ले. और दिवार पर लगा दे चिपका दे. अब अपने मणिपुर चक्र पर ध्यान देते हुये " रं" बीज मन्त्र का उच्चारण करे. " रं" बीज मन्त्र अग्नि तत्व और मणिपुर चक्र का बीज मन्त्र माना जाता है. इसलिये अपने मणिपुर पर यानी छाती के नीचे तथा नाभी के ऊपर ध्यान देते हुये " रं" बीज मंत्र का एक मिनट तक उच्चारण करते रहे. अब १० बार क्लीनिंग प्राणयाम करे यानी जोर से गहरी स्वास खीचे जितने देर तक हो सके रोक कर रखे. जब दम घुटने लगे तब श्वास धीरे-धीरे छोडे. इस तरह से यह १ प्राणायाम हुआ. ऐसे आपको १० प्राणायाम करना है.
यह अभ्यास कुछ दिन तक यानी कम से कम २१ दिन तक करे. ऐसा नियमित अभ्यास करने से मणिपुर चक्र बैलेंस होना शुरु हो जाता है. यह अभ्यास आप तब तक चालू रखे जब तक आपको अपनी समस्या मे लाभ न मिलने लगे.
आशा है कि इस विधी का लाभ उठायेंगे...इसलिये पूर्ण श्रद्धा के साथ अभ्यास करे.