महाकाली अंतर त्राटक
माता काली महाविद्या मे पृथम महाविद्या मानी जाती है. माता काली आकर्षण- वशीकरण तथा शत्रु नाश की शक्ति साधक को प्रदान करती है, इसके अलावा महाकाली का साधक भौतिक रूप से संतुष्ट रहता है. क्योकि काली पृथम महाविद्या है इसलिये इनकी साधना आसान नही होती. गुरु से दिक्षा लेकर ३ से ५ लाख जप करके इसे सिद्ध किया जा सकता है. अगर अकेला ब्यक्ति इस साधना को सिद्ध करना चाहे है तो उसे कम से कम १ से २ साल तक का समय लग जायेगा. महाकाली साधना बहुत प्रभावशाली होती पर इसकी सिद्दी उतनी ही मुश्किल होती है.
त्राटक का अर्थ एकाग्रता होता है. त्राटक का यह नियम है कि जब आप जिस किसी वस्तु पर त्राटक करते है, तो उसकी खासियत या गुण को अपने अंदर ले लेते है. जैसे कि अगर आप अगरबत्ती पर त्राटक करेगे तो आप देखेगे कि आपकी आखो मे थोडा कचरा जमा हो गया है. वही आप मोमबत्ती पर त्राटक करेगे तो आप देखेगे कि आपकी आखो मे कुछ कचरा आ गया है. अब आप मिट्टी के तेल के दिये पर त्राटक करेगे तो आप देखेगे कि आपकी आखे कचरे-गंदगी से भर गयी है. वही अगर आप शुद्ध घी के दिये पर त्राटक करे तो आप देखेगे कि आपकी आखे स्वच्छ रहती है. कहने का अर्थ यह है कि आप जिस भी वस्तु पर त्राटक करेगे उसके गुण व दुर्गुण आपमे आ जायेगे.
इसलिये आज हम बात करेगे महाकाली मुर्ति त्राटक की. जो लाभ महाकाली की साधना करके पाया जा सकता है, वही लाभ काली मुर्ति पर त्राटक से या काली मानस ध्यान से प्राप्त किया जा सकता है.
अब जानते है काली अंतर त्राटक या काली मानस ध्यान से लाभ.
- यह अंतर त्राटक आपके प्रभा-मंडल को बढाता है.
- यह अंतर त्राटक आपके अदर की रोग-प्रतिरोधक को शक्ति को बढाता है.
- इससे आपके अंदर आत्म-विश्वास व मन पर नियंत्रण बढता है,
- तंत्र बाधा से सुरक्षा मिलती है.
- आकर्षण शक्ति बढ जाती है.
अब जानते है कि काली अंतर त्राटक या काली मानस ध्यान कैसे करे.
एक शांत कमरे का चुनाव करे. दरवाजे की घंटी, मोबाईल फोन को बंद कर दे ढीले-ढाले वस्त्र पहने. एक कुर्सी पर या, जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जाय. अपने ठीक सामने माता काली की मुर्ती या फोटो को रखे. अब अपने आज्ञा चक्र को पिंच करे और काली बीज मन्त्र "क्लीं" का उचारण १ मिनट तक करे. अब एक टक कुछ सेकेंड उस चित्र या मुर्ती को देखते रहे. और आख बंद कर ले, और उस मुर्ती को या चित्र को अपने आखो के सामने लाने का प्रयास करे. आप देखेंगे कि कुछ सेकेंड के लिये वह चित्र या मुर्ती आपके आखो के सामने दिखाई देगी, फिर गायब हो जायेगी. पहले दिन यह अभ्यास ५-६ मिनट तक करना है.
अब दूसरे दिन पुनः निश्चित समय पर अभ्यास शुरु करे. अब अपने दोनो आखो के बीच यानी आज्ञा चक्र पर पिंच करे और १ मिनट तक काली बीज "क्लीं" का उच्चारण करे.. अब उस चित्र को या मुर्ती को अपने आखो के सामने लाने का पुनः अभ्यास करे....
इस तरह से आप देखेंगे कि जैसे-जैसे आपका अभ्यास बढता जायेगा वैसे - वैसे आखे बंद करने के बाद माता काली का चित्र ज्यादा समय के लिये आपके सामने टिकना शुरु हो जायेगा. बस यही आपको चाहिये. जब आपका अभ्यास २० से २८ दिन का हो जाय तो आप देखेंगे कि वह मुर्ती या चित्र आपकी आखो के सामने २ से ३ मिनट तक टिकना शुरु हो जायेगा.
याद रखे शुरुवात मे सिर्फ कुछ सेकेंड के लिये ही आपके आखो के सामने दिखाई देगा. २ से ३ मिनट तक दिखाई दे रहा है तो यह मान कर चलिये कि आपने बहुत ही अच्छा अभ्यास किया है. ऐसा करने माता की जो काशियत है, या जो गुण है वह आपके अंदर आने शुरु हो जाते है. यानी आपकी बात-चीत का प्रभाव दूसरे होना शुरु हो जाता है,आप जिससे भी मिलेगे उसे आप प्रभावित कर देंगे. इसके आलवा शत्रु कोई षडयंत्र आपके खिलाफ रचते है, तो वे उसमे सफल नही होते. यहा तक कि आपके ऊपर तांत्रिक प्रभाव है, तो वह भी नष्ट होना शुरु हो जाता है.
यह विधी बहुत ही प्रभावी है, इसलिये पूर्ण श्रद्धा के साथ अभ्यास करे.