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 March 25, 2017 

ओंकार त्राटक की रहस्यमयी शक्ति

कहते है कि ब्रम्हांड की रचना पृथम शब्द ओंकार के साथ ही शुरु हुयी थी. और ॐ से ही मन्त्रो की रचना भी हुयी. दुनिया मे सबकुछ ओंकार मे ही समाविश्ट है. आत्मिक शांती तथा मोक्ष का द्वार ही ओंकार है. हमने ओंकार ध्यान के बारे सुना है, ओंकार जप के बारे मे सुना है. लेकिन आज हम ॐकार त्राटक के बारे मे जानेगे. त्राटक की खास बात यह है कि आप जिस भी वस्तु, देवता या चक्र पर त्राटक करते है, तो उसके गुण आपके अंदर आ जाते है. तो सबसे पहले जानते है ओंकार त्राटक के लाभ कौन कौन से है.

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ओंकार त्राटक से लाभ

  • किसी क्षेत्र मे अगर आप पिछड गये हो चाहे वह ज्ञान का क्षेत्र हो, कर्म का क्षेत्र हो, किसी ब्यवसाय का क्षेत्र हो, तो. इस कारण से उदासीनता बढ जाती है. यहा आपको ओंकार त्राटक से लाभ मिलता है.
  • हर तरक की सुरक्षा के साथ दुर्घटना मे भी सुरक्षा मिलती है
  • ओंकार त्राटक से बुरे कर्म या बुरे संस्कार नष्ट होकर शरीर मे साकारात्मक उर्जा का निर्माण शुरु हो जाता है.
  • ओंकार त्राटक से धीरे धीरे आपके आचरण मे सुधार आना शुरु हो जाता है, स्वभाव विनम्र हो जाता है. चेहरे पर तेज बढने लगता है.
  • ओंकार त्राटक से अध्यात्मिक रूप से आनंद आने लगेगा.
  • ओंकार त्राटक से मन मे संतोष, संयम तथा तृप्ती का अहसास होना शुरु हो जाता है.
  • ओंकार त्राटक से आपकी वाणी की व मार्केटिंग क्षमता बढनी शुरु हो जाती है.
  • ओंकार त्राटक से अघ्यात्मिक चिकित्सा करने की क्षमता बढ जाती है.
  • ओंकार त्राटक से जब कभी सामने वाले व्यक्ति को कोई राय-मशवरा देगे तो वह उसके लिये अचूक साबित होगी.
  • समाज मे मान-सम्माम मिलना शुरु हो जाता है.
  • धन कमाने के स्रोत बढने शुरु हो जाते है.

अब जानते ओंकार त्राटक कैसे करे

एक शांत कमरे का चुनाव करे कमरे मे रोशनी थोडी कम रखे.. अब अपने ठीक सामने ॐ का लाल रंग चित्र दिवार पर लगाकर जमीन पर या कुर्सी पर बैठ जाय. .. और मन्त्र का उच्चारण १ मिनट तक करे.. अब एकटक उस चक्र को देखते रहे... देखते ही देखते ओंकार मे सुनहरे रंग की रोशनी दिखाई देने लगेगी.. पहले दिन यह अभ्यास ५ मिनट तक ही करे.... अब दुसरे दिन अभ्यास पुनः शुरु करे.. और मन्त्र का उच्चारण १ मिनट तक करे.. और ओंकार पर त्राटक यानी एकटक देखते रहे.... इस तरह से रोज ५ मिनट और २१ दिन तक अभ्यास नियमित करे... इस अभ्यास से आपका आज्ञा चक्र या भ्रू मध्य चक्र चैतन्य होने लगता है.. आज्ञा चक्र का संबंध सुनहरे रंग से है... इसलिये जो कुछ भी महसूस होगा वह अधिकतर सुनहरे रंग का ही होगा. यह चक्र आपके अंदर के तमाम कमियो को दूर करने लगता है... इस त्राटक से स्मरण शक्ति, आत्मविश्वास, मनोबल, इच्छाशक्ति की बढोतरी होनी शुरु हो जाती है.

अगर आप नियमित अभ्यास, श्रद्धा, विश्वास व पूर्ण इच्छाशक्ति के साथ ओंकार त्राटक का अभ्यास करेंगे तो अपने जीवन मे भौतिक व अध्यात्मिक रूप पुर्णता प्राप्त करेंगे. आशा कि ये विधि को आजमायेगे और अपने जीवन मे सफलता प्राप्त करेगे.