
और सिंदूर का लेप तथा स्वर्ण या रजत वर्क लगाकर मौली लपेटें। फिर गंध, अक्षत, पुष्प, गुलाब, गुग्गुल, दीप और नैवेद्य से उसकी पूजा करें। अब निम्न मंत्र का यथा संभव जप करें ।
समृद्धि कारक साधना मंत्र :-
॥ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं महालक्ष्मी स्वरूपाय एकाक्षी नारिकेलाय नमः सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
इसके अतिरिक्त सिद्ध हत्थाजोड़ी, सिद्ध बिल्ली की जेर और सिद्ध सिंयार सिंगी इन तीनों तांत्रिक वस्तुओं को लकडी की डिब्बी या चांदी की एक डिब्बी में रखकर उसे सिंदूर से पूरा भर दें । फिर उसे घर या पूजा कक्ष में रख दें और ३३३ मन्त्र का जाप करे। डिब्बी को ऑफिस या घर मे स्तापित करे। ऐसा करने से घर या व्यापारिक प्रतिष्ठान में किया गया हर तांत्रिक प्रयोग सदा के लिए दूर हो जाएगा और माता लक्ष्मी का वास होगा।