May 24, 2017

शिव लिंग अंतर त्राटक या शिव लिंग मानस ध्यान

हिन्दू समाज में भगवान शिवा को को पारिवारिक देवता तथा संहार के देवता के रूप मे माना जाता है. तंत्र मे इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है. मंत्र-तंत्र की रचना भी इन्ही से मानी जाती है. क्योकि ॐ बीज मन्त्र भगवान शिव का ही माना जाता है और ॐ के बिना मंत्र रचना पूर्ण हो ही नही सकती. भगवान शिव की पूजा २ रूपो मे की जाती है.

पहला भगवान शिव के शरीर के रूप मे पूजा व दूसरा शिव लिंग के रूप मे पूजा.

आज हम बात करेगे भगवान शिवलिंग मानस ध्यान या शिवलिंग अंतर त्राटक की.

अब हम जानेंगे शिवलिंग मानस ध्यान या शिवलिंग अंतर त्राटक के लाभ की

  • शिवलिंग मानस ध्यान या शिवलिंग अंतर त्राटक से मन शांत बना रहता है
  • स्वभाव मे नरमी आ जाती है
  • नियमित शिवलिंग मानस ध्यान या शिवलिंग अंतर त्राटक करने से दरिद्रता समाप्त होने लगती है.
  • विचारो मे गंदगी खत्म होने लगती है, तथा ब्यक्ति बुरे मार्ग मे जाने से बच जाता है.
  • शरीर मे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढने की वजह से ब्यक्ति बिमारियो से दूर रहता है या बिमार होने पर जल्दी स्वस्थ होने लगता है.
  • जीवन मे आने वाली परेशानियो का सामना करने की हिम्मत बढ जाती है
  • अध्यात्मिक शक्ति बढती है.
  • आकर्षक ब्यक्तित्व के साथ मान-सम्मान की प्राप्ती होती है.
  • बात-चीत मे आकर्षण की शक्ति बढने लगती है.
  • ब्यक्ति की कमिया तथा बुराईयां दूर होने लगती है.
  • पारिवारिक क्लेश नष्ट होने लगते है.
  • वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है.
  • मन-पसंद जीवनसाथी की प्राप्ती होती है.
  • किसी प्रकार की नकारात्मक उर्जा पास नही आती.
  • घर के अंदर की नकारात्मक उर्जा नष्ट होने लगती है.

यहा मै उन लोगो के लिये ये विधि बता रहा हू जो किसी कारणवश शिव साधना नही करना चाहते या उसमे रुचि नही है. तो यह शिवलिंग मानस ध्यान........ शिव साधना की तुलना मे आसान रहता है.

See - Shivaling manas dhyan

अब जानते है कि शिव लिंग अंतर त्राटक या शिव लिंग मानस ध्यान कैसे करे.

एक शांत कमरे का चुनाव करे. दरवाजे की घंटी, मोबाईल फोन को बंद कर दे ढीले-ढाले वस्त्र पहने. एक कुर्सी पर या, जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जाय. अपने ठीक सामने काले पत्थर का शिव लिंग रखे या दिवार पर शिवलिंग का चित्र लगा ले. काले पत्थर का शिवलिंग आसानी से पूजा की दुकानो मे मिल जाता है. और शिवलिंग का चित्र आसानी से इंटरनेट से प्राप्त कर सकते है. अब अपने आज्ञा चक्र को पिंच करे यानी दोनो आखो के बीच के स्थान को पिंच करे और भगवान शिव का पंचाछर बीज मन्त्र " ॐ नमः शिवाय " का उचारण १ मिनट तक करे. अब एकटक कुछ सेकेंड उस शिवलिंग को देखते रहे. और आख बंद कर उस शिवलिंग को अपने आखो के सामने लाने का प्रयास करे. आप देखेंगे कि कुछ सेकेंड के लिये वह शिवलिंग आपके आखो के सामने दिखाई देगा, फिर गायब हो जायेगा. पहले दिन यह अभ्यास ५-६ मिनट तक करना है.

अब दूसरे दिन पुनः निश्चित समय पर अभ्यास शुरु करे. अब अपने दोनो आखो के बीच यानी आज्ञा चक्र पर पिंच करे और १ मिनट तक काली बीज " ॐ नमः शिवाय " का उच्चारण करे.. अब उस शिवलिंग को अपने आखो के सामने लाने का पुनः अभ्यास करे....

इस तरह से आप देखेंगे कि जैसे-जैसे आपका अभ्यास बढता जायेगा वैसे - वैसे आखे बंद करने के बाद शिवलिंग ज्यादा समय के लिये आपके सामने टिकना शुरु हो जायेगा. बस यही आपको चाहिये. जब आपका अभ्यास २१ से २५ दिन का हो जाय तो आप देखेंगे कि वह शिवलिंग आपकी आखो के सामने २ से ३ मिनट तक टिकना शुरु हो जायेगा.

याद रखे शिवलिंग शुरुवात मे सिर्फ कुछ सेकेंड के लिये ही आपके आखो के सामने दिखाई देगा. यही चित्र २ से ३ मिनट तक दिखाई दे रहा है तो यह मान कर चलिये कि आपने बहुत ही अच्छा अभ्यास किया है. ऐसा करने से शिवलिंग की जो खासियत है, या जो गुण है वह आपके अंदर आने शुरु हो जाते है.

अब हम जानेंगे कि इसका उपयोग कैसे करे.

अगर आपके परिवार मे अशांती या क्लेश है, परिवार के लोग आपस मे ही लड रहे है तो सोमवार के दिन एक तीन पत्तो वाला बेलपत्र अपने हाथ मे लेकर १ मिनट तक " ॐ नमः शिवाय " मन्त्र का उच्चारण करे और शिवलिंग को अपने आखो के सामने ध्यान मे लाकर यानी मानस त्राटक कर अपने परिवार की सुख-शांती की मनोकामना करे. ऐसा ७ सोमवार करे.

वैवाहिक जीवन मे समस्या है तो शुक्रवार के दिन चादी का सिक्का हाथ मे लेकर १ मिनट तक " ॐ नमः शिवाय " मन्त्र का उच्चारण करे और शिवलिंग को अपने आखो के सामने ध्यान मे लाकर यानी मानस त्राटक कर अपने सुखी जीवन का आशिर्वाद माग.ऐसा ५ शुक्रवार करे.

आप या आपके परिवार मे कोई न कोई बिमार रहता हो तो सोमवार के दिन बेलपत्र और हल्दी हाथ मे ले. और १ मिनट " ॐ नमः शिवाय " मन्त्र का उच्चारण करे और शिवलिंग को अपने आखो के सामने ध्यान मे लाकर यानी मानस त्राटक कर अपने या अपने परिवार के लोगो के स्वस्थ जीवन कामना करे. और वह बेलपत्र और हल्दी अपने घर के मंदिर मे चढा दे. ऐसा ७ सोमवार करे.

मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिये सोमवार के दिन चंदन की लकडी अपने हाथ मे ले. और १ मिनट " ॐ नमः शिवाय " मन्त्र का उच्चारण करे और शिवलिंग को अपने आखो के सामने ध्यान मे लाकर यानी मानस त्राटक कर आशिर्वाद मागे और वही चंदन की घर के मंदिर मे रख दे. ऐसा ५ सोमवार करे.

अगर ये सब उपाय न भी करे सिर्फ अभ्यास करते रहे तो भी घर मे सुख-शांती बनी रहती है तथा मनोकामना पूर्ण होने लगती है.

अब कुछ जरूरी बाते....

  • अगर सिर्फ शिवलिंग से मानस ध्यान करना है तब तांबा, पीतल का या सफेद पत्थर का शिवलिंग न ले, सिर्फ काला शिवलिंग ले.
  • पूर्ण श्रद्धा होने पर ही इस विधि को अपनाये
  • इस अभ्यास मे जैसे-जैसे सफलता मिलती जायेगी वैसे-वैसे आपका स्वभाव मधुर होता चला जाना चाहिये
  • आपके स्वभाव मे घमंड आते ही इस अभ्यास का असर खत्म होना शुरु हो जाता है
  • कोई आपको बला-बुरा या गाली भी दे तो अपना नियंत्रण न खोये.
  • इस अभ्यास के द्वारा आप दूसरे की भी मदत कर सकते है.
  • इस अभ्यास को स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है.
  • इस अभ्यास के लिये दिक्षा की जरूरत नही होती.

कुछ लोग ये कहते है कि आप जानकारी जरूर दीजिये लेकिन विधि क्यो बताते है. मै लोगो को जबाब नही देना चाहता. पर मै यहा पर यह कहता हु कि अगर कुछ लोग इस विधी का कुछ प्रतिशत भी लाभ उठा लेते है, तो उन्हे दूसरे के पास जाकर पैसे खर्च करने की जरूरत नही पडेगी. मैने ४० वर्षो के अभ्यास मे जो कुछ भी सीखा है, अगर वह मै आप लोगो मे बॉट रहा हु तो मुझे पता है यह ज्ञान बाटने पर समाप्त नही होगा बल्कि बढेगा. .

आशा है आप इन विधियो को अपनायेंगे और अपने जीवन मे सफल होगे. इसलिये पूर्ण श्रद्धा के साथ अभ्यास करे