26-27 JULY 2025- NIKUMBALA SADHANA SHIVIR AT DIVYAYOGA ASHRAM FOR PROTECTION, WEALTH & PROSPERITY . CALL- 7710812329. Guruji Video Call Consulting fees 5100 (30 Minutes)

  • TIME: 11AM TO 8PM
  • DIVYAYOGA ASHRAM
  • divyayoga.shop@yahoo.com
  • 91 7710812329
  • 91 9029995588

Swarnamala sadhna for sudden money

Buy Swarnamala sadhna for sudden money

जीवन में धन की आवश्यकता एक अटल सत्य है धन के बिना किसी भी क्षेत्र की सफलता नही पाई जा सकती। ब्यक्ति को जीवन...
In stock (11 items)

$90.85
  • Delivery across Russia
    We will deliver your order by courier throughout India & Abroad by reputed shipping company.
  • Payment online
    Pay for your order by credit card, Debit card, UPI, PayTM, GPay. 
  • Store in Mumbai- Bharat
    Call: divyayogashop@gmail.com

आकस्मिक धन के लिये स्वर्णमाला साधना

जीवन में धन की आवश्यकता एक अटल सत्य है धन के बिना किसी भी क्षेत्र की सफलता नही पाई जा सकती। ब्यक्ति को जीवन में वह आध्यात्मिक तथा भौतिक उन्नति के लिए, पढाई के लिये तथा प्रत्येक कार्य के लिये धन ही सहायक होता है। व्यक्ति पढ़ाई तथा विविध कार्यमें निपूर्ण बनने में व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक श्रम कर जीवन के बहुमूल्य दिन और बहुमूल्य समय को व्यय करता है, या फिर विविध कार्यों से अनुभव एकत्रित करता है. और यह सब वह करता है एक सुखी भविष्य के लिए जिसमे उसे पूर्ण सुख की प्राप्ति हो सके, पूर्ण भोग की प्राप्ति हो सके तथा समाज में एक आदर्श व्यक्ति बन पूर्ण मान सन्मान को अर्जित कर सके. लेकिन इन सब के मूल में क्या धन नहीं है? धन की आवश्यकता को निर्विवादित रूप से आज के युग में स्वीकार करना ही पड़ता है. चाहे वह समृद्धि हो, विविध वास्तुओ का उपभोग हो या फिर उच्चतम शिक्षा को अर्जित करना हो. इन सब का आधार धन ही तो है. लेकिन कई बार भाग्य से वंचित व्यक्ति के ऊपर कुदरत अपनी महेरबानी नहीं दिखाती. और ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अपने कई कई स्वप्नों का त्याग करना पड़ता है तथा कई प्रकार के सुख भोग से वंचित रहना पड़ता है. जीवन के इन्ही बोझिल क्षणों में उसका आत्मविश्वास धीरे धीरे कमजोर होने लगता है तथा भविष्य में भी वह अपनी स्थिति को स्वीकार कर जीवन को इसी प्रकार आगे बढाने लगता है. यह किसी भी प्रकार से श्रेयकर स्थिति तो नहीं है. खास कर जब हमारे पास साधनाओ का बल हो, हमारे पूर्वजो का आशीर्वाद उनके ज्ञान के रूप में हमारे चारों तरफ साधना विज्ञान बन कर बिखरा हुआ हो.

तंत्र साधनाओ में एक से एक विलक्षण साधना धन की प्राप्ति में साधक को सहायता प्रदान करने के लिए है जिसके माध्यम से साधक के सामने नए नए धन के स्त्रोत खुलने लगते है, रुके हुवे धन को प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होता है तथा अलग-अलग प्रकार से उसको धन की प्राप्ति हो सकती है, और फिर अगर यह सब अचानक या आकस्मिक रूप से हो तो उसकी तो बात ही क्या. ऐसे ही दुर्लभ आकस्मिक धन प्राप्ति के तरीको में से एक साधना है स्वर्णमाला साधना. जिसमे पारद के संयोग से तीव्र आकर्षण के वशीभूत हो कर इस देव योनी को साधक की सहायता करने के लिए बाध्य होना पड़ता है, लेकिन विवशता पूर्ण नहीं, प्रसन्नता पूर्वक ही तो. क्यों की जहां तांत्रिक प्रक्रिया के साथ साथ विशुद्ध पारद के चैतन्यता का संयोग होता है, वहाँ तो साधक की तरफ देव योनी का भी आकर्षित होना स्वाभाविक ही है. यह साधना बहुत ही गुढ़ विधान है, जिसे पूर्ण मनोयोग के साथ संपन्न करने पर साधक को उपरोक्त लाभों की प्राप्ति होती है तथा शीघ्र ही धन सबंधी अडचनो का समाधान प्राप्त होता है।

यह प्रयोग साधक किसी भी पूर्णिम (पूनम) की रात्री में कर सकता है.
साधक यह साधना किसी वटवृक्ष (बरगद) के पेड के नीचे करे या बरगद की लकडी का उपयोग करके घर के कमरे मे करे।
साधक रात्री में १० बजे के बाद स्नान आदि से निवृत हो कर किसी भी सुसज्जित वस्त्रों को धारण करे तथा वटवृक्ष के निचे पीले आसन पर बैठ जाए. साधक को उत्तर दिशा की तरफ मुख कर बैठना चाहिए.
साधक को इस साधना में सुगन्धित अगरबत्ती लगानी चाहिए, अपने वस्त्रों पर भी इत्र लगाना चाहिए. साधक को कोई मिठाई का भोग अपने पास रख सकता है. इसके अलावा साधक को खाने वाला पान जिसमे कत्था सुपारी तथा इलाइची डाली हुई हो उसको भी समर्पित कर सकता है।
सर्व प्रथम साधक गुरुपूजन तथा गुरुमन्त्र का जाप करे. उसके बाद साधक विशुद्ध पारद से निर्मित सिद्ध पारद यक्षिणी गुटिका को अपने सामने किसी पात्र में स्थापित करे तथा उसका पूजन करे. पूजन के बाद साधक देवी स्वर्णमाला को वंदन करे तथा आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए सहाय करने के लिए विनंती करे. इसके बाद साधक यथा संभव मृत्युंजय मन्त्र का जाप करे.
इसके बाद साधक से या स्वर्ण माला मन्त्र सिद्ध माला से निम्न मन्त्र की २१ माला मन्त्र जाप करे.

ॐ श्रीं श्रीं स्वर्णमाले द्रव्यसिद्धिं हूं हूं ठः ठः

(om shreem shreem swarnamaale dravyasiddhim hoom hoom thah thah)

मन्त्र जाप पूर्ण होने पर साधक स्वर्णमाला यक्षिणी को वंदन करे तथा मिठाई या पान स्वयं ग्रहण करे. माला का विसर्जन साधक को नहीं करना है २१ दिन के बाद सभी सामग्री को पानी मे विसर्जित कर दे। सिर्फ पारद यक्षिणी गुटिका को अपने पास रखे।

See puja/sadhana rules and regulation

See- about Diksha

See- success rules of sadhana

See- Mantra jaap rules

See- Protect yourself during sadhana/puja

Who can perform/get sadhana/Puja/DikshaMale above 18 years, Female above 18 years
Wear clothingRed, Orrange, Yellow, White
Puja-Sadhna DirectionNorth
DescriptionsSwarnamala sadhana samagri:- swanamala yantra, swanamala mala, swanamala gutika, baragad ki lakadi, asan, holy threads, sadhana methods
Havan/Ahuti10% swarnamala mantra havan
Mantra Chanting21 mala for 5 days chanting
Puja/Sadhna5 Days
Puja time muhurthAfter 10pm
Puja/Sadhana MuhurthFriday, Purnima, Guru Pushya Nakshatra, Ravi Pushya Nakshatra, Chandra Grahan, Surya Grahan
Yantra made onBhojpatra