Narad sadhna for pique
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तीव्र विद्वेषण नारद साधना
आज के भौतिक युग मे समस्याये बहुत देखने को मिल रही है कि बच्चे ज्यादा स्वक्षंद हो गए है और उनका सारा ध्यान गलत लोगो से मिलना उनके साथ उठना-बैठने में लगा हुआ है ! जहा उनको अभी सिक्षा प्राप्त करनी चाहिए , कैरियर बनाना चाहिए उसकी जगह वो गलत लोगो की संगति मे अपना कीमती समय नष्ट कर रहे है और माता-पिता के स्वप्नों को चकनाचूर कर रहे है ! कई बार तो हम देखते है कि जीवन साथी का सम्बन्ध अन्य किसी महिला या पर पुरुष से हो जाता है और उनका गृहस्थ जीवन संकट में पड़ जाता है ! या वो जिस किसी स्त्री या पुरुष से प्रेम करते है वो कल तक तो साथ-साथ जीने और मरने की कसम खाता था आज उसको कोई और अच्छा लगने लग गया है! इन सब स्थितयो से बचने के लिए हमे तंत्र शास्त्र में विद्वेषण साधना के बारे मे जानकारी मिलती होता है ! इस साधना के माध्यम से आप उन दोनों के मध्य द्वेष उत्पन्न कर सकते है और वे भविष्य में एक दूसरे का मुह भी देखना नहीं चाहेगे किन्तु साधना करने का उद्देश्य अनैतिक नही होना चाहिये न ही आप इर्ष्या वश अपने रिश्तेदारों या किसी अन्य पर करे ! इसलिए इस बात का सदैव ध्यान रखे की यदि कांटा बोया है तो कांटे ही बदले में प्राप्त होते है, इस लिए सदैव पुष्प बोये और पुष्प प्राप्त करे !
तीव्र विद्वेषण नारद साधना विधि -
यह साधना आप कृष्ण पक्ष शनिवार रात्रि से आरम्भ करे यह साधना ४१ दिन का है किन्तु
ज्यादा समय नहीं लगता, स्नान कर साफ़ धोती धारण कर अपने साधना कक्ष में दक्षिण दिशा
के मध्य मुंह कर काले ऊनी आसन पर बैठ जाए बैठने का तरीका स्वस्तिकासन में होना
चाहिए ! अपने सामने गणेश -गुरु और अपने इष्ट को विराजमान कर सर्व प्रथम आचमन -
पवित्रीकरण आदि कर दाए हाथ में जल लेकर संकल्प करे - मैं अमुक नाम का साधक
अमुक तिथी - गोत्र अमुक जातक का अमुक व्यक्ति के मध्य
द्वेष उत्पन्न करने के उद्देश से मैं नारद विद्वेषण प्रयॊग कर रहा हुं ! संकल्प करने
के बाद गणेश -गुरु -इष्ट का पूजन कर गुरु मंत्र कर ले .. और प्रयॊग में पूर्ण सफलता
की प्रार्थना कर संक्षिप्त पूजन कर उपांशु (होठो से बुदबुदाकर जाप करना) विधि
से मात्र ५ माला निम्न मंत्र की करे -
तीव्र विद्वेषण नारद साधना मंत्र :-
ॐ नमो नारदाय अमुकस्य अमुकेन सह विदवेषण कुरु कुरु स्वाहा ॥
(अमुकस्य अमुकेन की जगह पर दोनो का नाम ले, जिनका आपसे मनमुटाव
कराना है)
इस तीव्र विद्वेषण नारद साधना में ( अमुकस्य ) के स्थान पर एक व्यक्ति
का नाम बोले और उसकी लडाई जिससे करानी हो ( अमुकेन ) के स्थान पर उसका नाम बोले !
मंत्र का जप न तो बहुत शीघ्रता से करे और न ही बहुत धीमे -धीमे ! नित्य मंत्र जप के
बाद अपने इष्ट की आरती कर क्षमा याचना अवश्य करे ! ऐसा करने पर अवश्य ही उन दोनों
के मध्य किसी बात को लेकर द्वेष उत्पन्न हो जाता है और वह एक दूसरे का मुंह तक देखना
पसंद नहीं करते ! बहुत ही सोच समझकर इस प्रयोग को करे।
See puja/sadhana rules and regulation
See- about Diksha
See- Mantra jaap rules
Who can perform/get sadhana/Puja/Diksha | Male above 18 years, Female above 18 years |
Wear clothing | Black |
Puja-Sadhna Direction | South |
Tithi Muhurth | Krishna Paksha Ashtami, Krishna Paksha Tryodashi |
Havan/Ahuti | 2100 mantra havan |
Mantra Chanting | 21000 narad vidveshan mantra chanting |
Puja time muhurth | After 10pm |
Puja/Sadhana Muhurth | Saturday |