Bagalamukhi Sadhana Shivir

शिवानंद दास जी के मार्गदर्शन मे


बगलामुखी साधना शिविर


Bagalamukhi Sadhana Shivir


27-28 APRIL 2024 at Vajreshwari near mumbai.


मुंबई के निकट वज्रेश्वरी मे महाविद्या बगलामुखी साधना शिविर का आयोजन होने जा रहा है. इस साधना के द्वारा छुपे शत्रु, नजर, तंत्र बाधा के साथ नौकरी ब्यापार की रुकावट मे लाभ मिलता है. इसमे हरिद्रा गणेश व मृत्युंजय भैरव के साथ माता बगलामुखी की साधना १२५००० मंत्र के साथ साधना संपन्न काराई जाती है. ये साधना हर तरह की खुशियां प्रदान करती है. परिवार मे सुख समृद्धि लाती है.


इसमें भाग लेने के दो तरीके है एक तो शिविर मे आकर साधना में भाग ले सकते है दूसरा आप ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं अगर आप भाग लेना चाहते

हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया है वहां पर फॉर्म भरकर आप इस शिविर मे शामिल हो सकते है


BAGALAMUKHI SADHANA SHIVIR- BOOKING


Call for booking-91 7710812329/ 91 9702222903

27-28 APRIL 2024- BAGALAMUKHI SADHANA SHIVIR AT VAJRESHWARI

  • TIME: 11AM TO 8PM
  • DIVYAYOGA ASHRAM
  • divyayoga.shop@yahoo.com
  • 91 7710812329
  • 91 9029995588

Mahakali Sadhana for kalgyan

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कालज्ञान का प्रभाव- इस पृथ्वी पर काल की गति अत्यंत सूक्ष्म है| काल केबल कोई समय नहीं, बल्कि काल सजीव और निर्जीव की गतिशीलता की पृष्ठभूमि हैं| काल गति के हर एक बिंदु में असंख्य छोटी- बडी घटनाए समाहित होती रहती है, इसे ही काल-खंड कहा जाता है|..
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कालज्ञान के लिये महाकाली साधना

कालज्ञान का प्रभाव- इस पृथ्वी पर काल की गति अत्यंत सूक्ष्म है| काल केबल कोई समय नहीं, बल्कि काल सजीव और निर्जीव की गतिशीलता की पृष्ठभूमि हैं| काल गति के हर एक बिंदु में असंख्य छोटी- बडी घटनाए समाहित होती रहती है, इसे ही काल-खंड कहा जाता है| काल खंड में एक साथ हजारो क्रिया- प्रक्रियाए चलती रहती हैं, पर जिस भी प्रक्रिया का प्रभुत्व ज्यादा होता है उसका असर हम पर प्रभाव ज्यादा रहता हे| इसी तरह अगर हम हमारे जीवन मे घटित घटनाओ का उदाहरण ले तो हर एक प्रक्रिया के लिए हमारे शास्त्रों में देवी एवं देवता निर्धारित किये गये है| आप भगवान ब्रम्हा, विष्णु, महेश, वरुण, इन्द्र, लक्ष्मी, सरस्वती, महाविद्या या किसी भी देवी देवता को देख लीजिए, प्रकृति में उनके कार्य निश्चित होते ही हैं |

हर क्षण हमारे जीवन मे कोई न कई देवी देवता का प्रभाव पड़ता ही रहता हैं| इसे ही कहा जाता है कि हर क्षण में कोई न कोई देवी या देवता शरीर में चैतन्य होते ही हैं| हमारे योगी साधनाओ के द्वारा किसी भी देवी एवं देवताओ को सिद्ध कर के उनके द्वारा अपनी मनोकामना पूर्ति ,कार्य पूर्ति व इच्छा पूर्ति करवा सकते थें| लेकिन हम ये नहीं जानते की किस क्षण में कौन देव शक्ति / देवी शक्ति चैतन्य हैं , और अगर जान भी गये तो हम ये नहीं जानते कि प्रकृति आखिर कौन सा कार्य उस क्षण में करेगी और उसका मानव जीवन पर क्या प्रभाव होगा|

अति उच्चकोटि के योगी, इस प्रकार का कालज्ञान रखते हैं, उन्हें पता रहता हैं कि कौन से क्षण में क्या होगा और उसका परिणाम किसके ऊपर क्या असर करेगा| कौन से देवी या देवता उस क्षण में जागृत होंगे और कौन से देवी देवता उस क्षण अलग अलग मनुष्य में चैतन्य रहते हैं | इसी के आधार पर वे भविष्य में कौन से क्षण में किसके साथ क्या होगा और उसे अलग अलग व्यक्तियों के लिए कैसे अनुकूल या प्रतिकूल बनाना हैं इस प्रकार से अति सूक्ष्म ज्ञान रहता हैं |

जैसे कि पहले कहा गया है, कि काल खंड में घटित अनगिनत घटनाओ में से किसी एक घटना का प्रभाव सब से ज्यादा रहता हैं| हर एक व्यक्ति के लिए वह अलग अलग हो सकता हैं| और हम उसी को एक डोर में बांधते हुए "जीवन" नाम देते हैं | दरअसल हमारे साथ एक ही वक़्त में सेकड़ो घटनाए घटित होती रहती हैं पर उनके कम प्रभाव के कारण हम उसे समझ नहीं पाते| अब जिस घटना का प्रभाव सबसे ज्यादा होगा उसके देवता को अगर हम साधना के माध्यम से अनुकूल कर ले तो उस समय में होने वाले किसी भी घटना क्रम को हम आसानी से हमारे अनुकूल बना सकते हैं| पर हम इतने कम समय में कैसे समझ ले की क्या घटना हैं देवता कौन हैं प्रभाव कैसा रहेगा आदि आदि |||उच्चकोटि के योगियों के लिए ये भले ही असंभव न हो लेकिन सामान्य मनुष्यों के लिए ये किसी भी हिसाब से संभव नहीं हैं | और इसी को ध्यान में रखते हुए , एक ऐसी साधना का निर्माण हुआ जिससे अपने आप ही हर एक क्षण में रहा देव योग अपने आप में सिद्ध हो जाता हैं और देव योग का ज्ञान होता रहता हे जिससे कि ये पता चलेगा कि कौन से क्षण में क्या कार्य करना चाहिए| अपने आपही क्षमता आ जाती हैं की उसे कार्य के अनुकूल या प्रतिकूल होने का आभास पहले से ही मिल जाता हैं और देवता उसके वश में रहते हैं|

  • काल की देवी महाकाली को कहा गया हैं और काल उनके नियंत्रण में रहता हैं | इस साधना के इच्छुक लोगो को साधना के साथ साथ शक्ति चक्र पर त्राटक का भी अभ्यास करना चाहिए|
  • ये साधना रविवार, मंगलवार या अष्टमी के दिन शुरू की जा सकती हैं इस साधना में साधक को काले वस्त्र ही धारण करने चाहिए|
  • इस साधना में सिद्ध महाकाली यन्त्र व सिद्ध काली हकीक माला की जरुरत रहती हैं साधना काल के के सभी नियम इस साधना में पालन करने चाहिए|
  • रात्रि में १० बजे के बाद साधक स्नान कर के, काले वस्त्र धारण कर के काले उनी आसन पर बेठे| अपने सामने महाकाली का चित्र स्थापित हो| यन्त्र की सामान्य पूजा करे| दीपक और लोबान धूप जरुर लगाए|

Mahakali Sadhana mantra for kalgyan

  • ॐ क्लीं क्रीं महाकाली काल सिद्धिं क्लीं क्रीं फट
  • OM KLEEM KREEM MAHAAKAALEE KAAL SIDDHI KLEEM KREEM PFATT

Mahakali Sadhana samagri for kalgyan

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Mahakali Sadhana muhurt for kalgyan

  • Day- Sunday, Tuesday, Ashtami, Surya grahan, Chandra Grahan, Ravi Pushya nakshatra, Guru Pushya Nakshatra, Depawali, Holi|
  • Time- After 10pm
  • Direction- West
  • Mantra Chanting- 11 mala daily
  • Sadhana duration- 21 days
  • Sadhana Place- Worship place or any peaceful place

(Anybody can perform this Mahakali Sadhana for kalgyan )

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See- Protect yourself during sadhana/puja