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Lakshyotma abaddha sadhana

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शंकराचार्य रचित विविध साधनाओ में एक प्रयोग 'लक्ष्योत्तमा आबद्ध साधना' भी है, जो धन प्राप्त कराने कराने में समर्थ है तथा धन आने के नये-नये स्त्रोत खुलने शुरु हो जाते है. यह साधना अत्यन्त सरल, सटीक तथा शीघ्र
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लक्ष्योत्तमा आबद्ध साधना'

आदिगुरू शंकराचार्य के शिष्यों, भक्तों के अनुभव के आधार पर हजारो कहानियॉ है। इन सब कहानियो में एक बात पूर्ण रूप से स्पष्ट होती है कि शंकराचार्य ने अपनी जीवन यात्रा में योगियों, यतियों और सन्यासियों से अभूतपूर्व ज्ञान अर्जित किया और कम उम्र मे ही बहुत अलौकिक सिद्धियॉ प्राप्त कर ली थी. उनके द्वारा रचित हजारो साधनाओ मे लक्ष्योत्मा आबद्ध साधना भी है.

प्रत्येक ब्यक्ति लक्ष्मी प्राप्त करने के लिये लक्ष्मी की स्तुति (प्रार्थना) करता है, तो क्या उसे लक्ष्मी प्राप्त हो जाती है? तो क्या लक्ष्मी को स्तुति से लक्ष्मी आबद्ध करना संभव क्यो नही है? अगर संभव होता तो हर ब्यक्ति लक्ष्मी की स्तुति करता तो उसके घर धन का ढेर लग जाना चाहिये था. लोग फिर भी कर्जदार बने रहते है. धन कमाने का स्त्रोत ही नही मिलता.

अतः स्पष्टतः होता है कि शंकराचार्य ने अवश्य ही कोई ऐसी साधना की होगी, जिसके माध्यम से वे लक्ष्मी को आबद्ध कर सकने में पूर्ण समर्थ हुए।

'तंत्र' ही एकमात्र ऐसा माध्यम है, जिसमें अनेक साधनाये तथा अनेक ऐसे प्रयोग हैं, जिनका ज्ञान यदि व्यक्ति प्राप्त कर ले तो उसके माध्यम से वह किसी भी देवी-देवता को आबद्ध करने में समर्थ हो सकता है।

व्यक्ति के जीवन में इतनी आधिक विषमताएं और समस्याये उत्पन्न हो चुकी है, कि उसे समाज में प्रतिष्ठित व सम्मानित होने कल लिए होने के लिए धन की नितांत आवश्यकता होती है, बिना धन के तो वह समाज में अपनी प्रतिष्ठा व् सम्मान स्थापित कर ही नहीं पाता.

आज छोटी-छोटी वस्तु की भी यदि आवश्यकता होती है, तो बिना धन के हम उसे खरीद नहीं सकते, ललचायी नजरों से दूसरों की और ताकेंगे या किसी अन्य माध्यम या गलत माध्यम से उसे प्राप्त करने का प्रयास करेंगे, क्योंकि वस्तु की आवश्यकता ही हमें यह सब करने पर मजबूर कर देती है, परन्तु यह नैतिकता के और समाज के नियमों के विपरीत है।

ऐसी अवस्था में यह आवश्यक हो गया है, कि हम साधना के महत्त्व को समझें। हम सभी अपने जीवन में साधनाओं को स्थान दे और अपनी हर आवश्यकता की पूर्ति के लिये साधनाओं को माध्यम बनाएं।

शंकराचार्य रचित विविध साधनाओ में एक प्रयोग 'लक्ष्योत्तमा आबद्ध साधना' भी है, जो धन प्राप्त कराने कराने में समर्थ है तथा धन आने के नये-नये स्त्रोत खुलने शुरु हो जाते है. यह साधना अत्यन्त सरल, सटीक तथा शीघ्र प्रभाव देने वाली कही गई है। यदि यह प्रयोग पूर्ण श्रद्धा, निष्ठा, आस्था के साथ किया जाय, तो अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है।

लक्ष्योत्तमा आबद्ध साधना सामग्री
  • सिद्ध लक्ष्योत्तमा आबद्ध यन्त्र
  • सिद्ध लक्ष्योत्तमा आबद्ध माला
  • ११ लाल चिरमी बीज
  • लक्ष्मी श्रंगार
  • लक्ष्मी आसन
  • लाल आसन
  • गुरु फोटो
  • हल्दी गणेश (साधना मे सफलता प्राप्त करने के लिये)
  • सिद्ध लक्ष्योत्तमा आबद्ध गुटिका

स्वप्न सिद्धी साधना सामग्री मुहुर्थ

  • समयः रात १० बजे के बाद
  • दिनः किसी भी रविवार, गुरु पुष्य नक्षत्र, होली, दिवाली
  • दिशाः पूर्व
  • साधना अवधिः २१ दिन
  • हवनः दशांश हवन
  • मन्त्र जपः ११ माला प्रति दिन
  • साधना स्थानः पूजाघर या कोई शांत कमरा

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