Krishna-Saraswati Sabar sadhana
-
Delivery across RussiaWe will deliver your order by courier throughout India & Abroad by reputed shipping company.
-
Payment onlinePay for your order by credit card, Debit card, UPI, PayTM, GPay.
-
Store in Mumbai- BharatCall: divyayogashop@gmail.com
कृष्ण-सरस्वती साबर साधना
स्मरणशक्ती के लिये
मन पर नियंत्रण के लिये
इंटरव्यू भाषण मे सफलता प्राप्त करने के लिये
परिवार मे खुशहाली के लिये...
हर व्यक्ति चाहता है कि घर में प्रेम पूर्ण वातावरण हो जिससे प्रसन्न होकर आपका ह्रदय ख़ुशी से भर उठे, बुद्धि का विकास हो और सभी ओर से प्रसन्नता के सन्देश मिले, दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो|
यह कृष्ण-सरस्वती साबर साधना
आपकी बुद्धि का विकास करेगी और मन में एक नवीन शक्ति का संचार करेगी, यह एक ओर जहां
बच्चो में ज्ञान का विकास करती है वही दूसरी ओर मन में असीम शांति भी देती है |
आत्मचिंतन का मार्ग खोल देती है | दिल में प्रेम के अंकुर को प्रस्फुटित कर चेतना
को विकसित करती है क्योकि श्रीकृष्ण प्रेम का ही रूप है | इस साधना को कृष्ण
जन्माष्टमी, बसंत पंचमी जा किसी भी शुक्लपक्ष के गुरुवार या शुक्रवार से शुरू करे
इस के लिए तिथि पूर्णमा, पंचमी एवं अष्टमी तिथि विशेष फलदाई है |
साधना समय – यह ७ दिन की साधना है |
साधना काल --- सुबह का समय उत्तम है आप रात ६ से ९ वजे के बीच भी साधना कर सकते
हैं |
वस्त्र ---- सफेद या पीले वस्त्र उत्तम हैं| आसन भी सफेद या पीला लिया जा सकता
है |
दिशा – उत्तर की तरफ मुख कर बैठे|
पूजन समग्री --पीले पुष्प, धूप, घी का दीप जो साधना काल में पुरे समय जलता रहना
चाहिए ,गंगा जल और अक्षत (चावल के बिना टूटे दाने),फल, फूल, मिश्री, मेवा कृष्ण
गुटिका आदि जो आपके पास सामग्री उपलब्ध हो !
माला --- कृष्ण-सरस्वती माला जो सफेद हकीक और काले हकीक की होती है |
भोग --- दूध से बना भोग ,खीर हो तो बहुत अच्छा है | इस के अलावा मिश्री मेवा भी ले
सकते है |
कृष्ण-सरस्वती साबर साधना
मंत्र -
|| उठ सरस्वती दीपक बालो, हरिमंदिर से हुये चानन , गुरु के ज्ञान ध्यान ,पैज पत
रखे आप श्री कृष्ण भगवान ||
विधि – एक बेजोट (चौकी) पर पीला वस्त्र बिछा लें तत्पश्चात सदगुरु चित्र स्थापित करे और साथ में श्री कृष्ण और सरस्वती का चित्र और यन्त्र भी स्थापित करे सदगुरुदेव का पूजन करे और मन्त्र एक पेपर पर लिख कर उनके श्री चरणों में रख दे और पूजन के पश्चात् गुरुदेव से साधना की आज्ञा लेते हुए मन्त्र ग्रहण करे, अर्थात पेपर उठा ले और मन्त्र बोल कर तीन वार पढ़े ऐसा लगे जैसे कि सदगुरुदेव आपको मन्त्र दे रहे है | आप उनको सुना रहे है | इस तरह मन्त्र दीक्षा पूर्ण हो जाती है और गुरु जी का साधना के लिए अशिर्बाद भी | गुरु पूजन के पश्चात् गणेश जी और माँ सरस्वती का पूजन करे और कृष्ण भगवान का पूजन कर सफलता के लिए प्रार्थना करें| इसके बाद मन्त्र जप शुरू कर सकते है |
मन्त्र ३ माला ७ दिन तक करे.
७
वे दिन खीर का भोग बनाये और पूजन करे| साधना पूर्ण होने पर खीर का भोग अर्पित करे
उस में थोडा सा शहद मिला कर जप के वक़्त सामने अपने पास रखे बाद में खीर अपने बच्चो
को और पत्नी सहित स्वयं या घर के छोटे बड़े सभी सदस्यों को वितरित कर दे और गुरु जी
को धन्यवाद दे और सफलता की प्रार्थना करे ! माला आप स्वयं पहन ले
See puja/sadhana rules and regulation
See- about Diksha
See- Mantra jaap rules
Tithi Muhurth | Krishna Paksha Panchami, Krishna Paksha Ashtami, Shukl Paksha Panchami, Shukl Paksha Ashtami |
Descriptions | Sadhana samagri:- Krishna-Saraswati mala, yantra, gutika, raksha sutra |
Puja time muhurth | After 4am |
Puja/Sadhana Muhurth | Monday, Wednesday, Thursday, Guru Pushya Nakshatra, Ravi Pushya Nakshatra |
Pujan Samagri list | Turmeric powder, Betel nuts, Rice, Yellow cloth for asan, Cloves |