Bhairav sadhana for confidence
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प्रबल आत्मविश्वास के लिये भैरव साधना
भैरव मे सबसे श्रेष्ठ काल भैरव हैं। इसमें कोई दो-राय नहीं है कि हर भैरव एक विशेष शक्ति के अधिपति हैं। पर काल भैरव को इन सब भैरवों का स्वामी माना गया है और ज़ाहिर है यदि यह स्वामी है तो हर परिस्थिति में अपने साधक को अधिक से अधिकतम सुख और फल प्रदान करने मे सक्षम होंगे। इसीलिए भैरव की साधना करने वाले को भाग्यवान कहा गया है।
भैरव नाम सुनते ही मन में एक अजीब सा डर का संचार होने लगता है। डरावनी आकृति आँखों के सामने उभरने लगती है। गुस्से से भरी लाल सुर्ख आँखें, सियाह काला रंग, लंबा–चौड़ा डील डोल और ना-जाने क्या-क्या? इसके विपरीत एक सच यह भी है जहाँ डर हो, भय हो वहाँ साधना नहीं हो सकती और साक्षत्कार तो दूर की बात है। किन्तु जहाँ समस्या होती है, वही पर समाधान भी होता है। तो काल भैरव की साधना से सम्बंधित डर से मुक्ति पाने के लिए हमें यह समझना होगा। जैसे सिक्के के दो पहलु होते हैं वैसे ही काल और भैरव एक सिक्के के दो पक्ष हैं। काल का अर्थ है समय और भैरव का अर्थ है वो पुरुष जिसमें काल पर विजय प्राप्त करने की क्षमता हो। अब यहाँ काल का अर्थ सिर्फ मृत्यु नहीं है । अपितु हर उस वस्तु से है जो हमारे मानसिक सुखों को क्षीण करने में सक्षम हो। अब यह समस्या शारीरिक, आंतरिक, मानसिक, और रुपये पैसे से संबंधित कैसी भी हो सकती है। अब जो काल पुरुष होगा उसे इनमें से किसी समस्या का भय नहीं होगा। क्योंकि समस्या उसके सामने ठहर ही नहीं सकती।
ईश्वर और मानव में सबसे बड़ा अंतर यही है कि देवताओं की सीमाएं होती है। जैसे अग्निदेव मात्र अग्नि से संबंधित कार्य कर सकते हैं। उनका वरुण देव से कोई लेना देना नहीं। इसी प्रकार कामदेव का इन दोनों और अन्य देवताओं से कोई सरोकार नहीं। जबकि इसके विपरीत केवल मानव ही एक ऐसा प्राणी हैं जिसके अंदर पूरा ब्रह्मांड समाहित है। जिसकी किसी भी कार्य को करने की कोई सीमा अनंत है तो उसे अपने अंदर के पुरुष को जगाने की और यह तभी संभव है जब हमने हमारे ही अंदर के ब्रह्मांड को अर्थात काल को जीत लिया हो। इस साधना को करने के बाद ना केवल आपमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। बल्कि जटिल से जटिल साधनाएं भी आप बिना किसी भय और समस्या के कर पायेंगे। आँखों में एक ऐसी तीव्रता आ जाती है कि हठी से हठी मनुष्य भी आपके समक्ष घुटने टेक देता है। इसके लिए आपको बस यह एक छोटा सा विधान करना है। किसी भी रविवार मध्यरात्रि काल में नहा धोकर अपने पूजा के स्थान में पीले वस्त्र पहन कर पीले आसान पर बैठ कर आपको निम्न मंत्र का जाप ११ माला ५ दिन तक करना है।
भैरव मंत्र :-
OM KREEM BHRAM KLEEM BHRAM AING BHRAM KLEEM BHRAM KREEM FATT
॥ ॐ क्रीं भ्रं क्लीं भ्रं ऐं भ्रं भैरवाय भ्रं ऐं भ्रं क्लीं भ्रं क्रीं फट ॥
भैरव साधना सामग्री-
सिद्ध भैरव यन्त्र, सिद्ध भैरव माला, भैरव विग्रह।
See puja/sadhana rules and regulation
See- about Diksha
See- Mantra jaap rules
| Who can perform/get sadhana/Puja/Diksha | Male above 18 years, Female above 18 years |
| Wear clothing | Yellow |
| Puja-Sadhna Direction | South |
| Descriptions | Bhairav sadhana samagri:- siddha bhairav mala, siddha bhairav yantra, bhairav gitika, siddha black asan, hollu therads |
| Havan/Ahuti | 600 bhairav havan |
| Mantra Chanting | Total 55 mala chanting |
| Puja/Sadhna | 5 Days |
| Puja time muhurth | After 11pm |
| Puja/Sadhana Muhurth | Sunday, Guru Pushya Nakshatra, Ravi Pushya Nakshatra |











