Aghor shiva gorakha sadhana
Overview
अघोर शिव गोरख साधना
शैव साधना और नाथ संप्रदाय के योगियो का सबंध तो अपने आप मे विश्वविख्यात है। भगवान के अघोरेश्वर स्वरुप तथा आदिनाथ भोलेनाथ का स्वरुप अपने आप मे इन योगियो के मध्य विख्यात रहा है। शिव तो अपने आप मे तन्त्र के आदिपुरुष रहे है। इस प्रकार उच्च कोटि के नाथ योगियो की शिव साधना अपने आप मे अत्यधिक महत्वपूर्ण रही है।
शिवरात्री
पर्व तो इन साधको के लिए कोई महा उत्सव से कम नहीं है ।
एक धारणा यह है की शिवरात्री के दिन साधक अगर शिव पूजन और
मंत्र जाप करे तो भगवान शिव साधक के पास जाते ही है। वैसे भी यह
महारात्रि तंत्र की द्रष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण समय है। अगर इस
समय पर शिव साधना की जाए तो चेतना की व्यापकता होने के कारण
साधक को सफलता प्राप्ति की संभावना तीव्र होती है।
नाथ संप्रदाय योगियो के गुप्त प्रयोग अपने आप मे
शक्तिशाली होते है। चाहे वह शिव
साधना से सबंधित हो या शक्ति साधना के सबंध मे। इन साधनाओ का
विशेष महत्व इसलिए भी है की सिद्ध मंत्र होने के कारण इन पर देवी
देवताओं की विभ्भिन शक्तिया वचन बद्ध हो कर आशीर्वाद देती ही है।
साथ ही साथ साधक को नाथ सिद्धो का आशीष भी प्राप्त होता है। इस
प्रकार ऐसे प्रयोग अपने आपमे बहोत ही प्रभावकारी है। शिवरात्री पर
किये जाने वाले गुप्त प्रयोगों मे से एक प्रयोग है अमोध शिव गोरख
प्रयोग। यह गुप्त प्रयोग श्री गोरखनाथ प्रणित है।
साधक को पुरे दिन निराहार रहना चाहिए। दूध तथा फल लिए जा
सकते है। रात्री काल मे 10 बजे के बाद साधक सर्व प्रथम गुरु पूजन,
गणेश पूजन सम्प्पन करे तथा अपने पास ही सदगुरु का आसान
बिछाए और कल्पना करे की वह उस आसान पर विराजमान है। उसके
बाद अपने सामने पारद शिवलिंग स्थापित करे अगर पारद शिवलिंग
संभव नहीं है तो किसी भी प्रकार का शिवलिंग स्थापीत कर उसका
पंचोपचार पूजन करे। धतूरे के पुष्प अर्पित कर । इसमें साधक का मुख
उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। वस्त्र आसान सफ़ेद रहे या फिर
काले रंग के। उसके बाद रुद्राक्ष माला से निम्न मंत्र का 3 घंटे के लिए
जाप करे। साधक थक जाए तो
बीच मे कुछ देर के लिए विराम ले
सकता है लेकिन आसान से उठे नहीं।
यह मंत्र जाप सुबह ४ बजने से पहले हो जाना चाहिए।
अघोर शिव गोरख साधना साबर मन्त्रः-
॥ ॐ शिव गोरख महादेव कैलाश से आओ,
भूत को लाओ पलित को लाओ प्रेत को लाओ,
राक्षस को लाओ, आओ आओ धूणी जमाओ,
शिव गोरख शम्भू सिद्ध गुरु का आसन
आण गोरख सिद्ध की आदेश आदेश आदेश ...
मंत्र जाप समाप्त होते होते साधक को इस प्रयोग की तीव्रता का अनुभव होने लगेगा। यह सधना अत्यधिक गुप्त और महत्वपूर्ण है। क्योंकी यह सिर्फ महा शिवरात्री पर किया जाने वाला प्रयोग है और इस प्रयोग के माध्यम से मंत्र जाप पूरा होते होते साधक उसी रात्री मे भगवान शिव के बिम्बात्मक दर्शन कर लेता है। एक ही रात्रि मे साधक भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है और अपने जीवन को धन्य बना सकता है। अगर इस प्रयोग मे साधक की कही चूक भी हो जाए तो भी उसे भगवान शिव के साहचर्य की अनुभूति निश्चित रूप से होती ही है।
अघोर शिव गोरख साधना सामग्रीः-
अघोर शिव यन्त्र, अघोर शिव माला, सिद्ध पारद शिव लिंग, अघोर शिव गुटिका.
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Features
Who can perform/get sadhana/Puja/Diksha | Male above 18 years, Female above 18 years |
Wear clothing | Red, Orrange, Yellow, White |
Puja-Sadhna Direction | North |
Descriptions | Aghor shiva gorakha sadhana:- aghor shiva yantra, aghor shiva mala (rosary), siddha parad shiva ling, aghor shiva gutika |
Havan/Ahuti | 10% havan |
Mantra Chanting | One day 31 mala (rosary) chanting |
Puja time muhurth | After 10pm |
Puja/Sadhana Muhurth | Monday, Guru Pushya Nakshatra |
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