Vijaya saptami vrat katha paath
Overview
विजया सप्तमी
यह व्रत रविवार से युक्त माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर करना चाहिए। इसमें सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए।इस दिन उपवास करके सूर्य के एक सहस्र नामों का उच्चारण करना चाहिए। हेमाद्रि ने ये नाम दिये हैं। यह एक वर्ष तक करना चाहिए। इससे रोगों एवं पापों से मुक्ति मिलती है।गरुड़पुराण ने एक अन्य प्रकार का व्रत दिया है, जो सात सप्तमियों में किया जाता है। उस दिन उपवास रखकर, गेहूँ, माष, यव (जौ), स्वास्तिक, पीतल, पत्थरों से पिसा भोजन, मधु, मैथुन, मांस, मदिरा, तेलयुक्त स्नान, अंजन एवं तिल के प्रयोग का त्याग करना चाहिए।
इस व्रत को करने से सुख कि प्राप्ती होती है। मनोकामना पुर्ण होती है। अच्छे फल की प्राप्ती होती है। चिंता दुर होती है। सभि प्रकारके रोगों से मुक्ती मिलती है।
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Features
Katha-Path Days | one day Vijaya saptami vrat katha paath |
Tithi Muhurth | Krishna Paksha Saptami, Shukl Paksha Saptami |
Katha-Paath muhurth | Sunday |
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