Vibhuti dvadashi vrat katha paath
-
Faster deliveryWe offer domestic and international shipping via all major shipping carriers.
-
Secure paymentWe accept all major credit cards and PayPal payments. All orders are paid online.
-
Contact usCall 91 8652439844. Whatsapp- 91 8652439844.
विभुति द्वादशी
कार्तिक, वैसाख, मार्गशीर्ष, फाल्गुन या आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी पर करना चाहिए। नियमों के पालन का संकल्प करना चाहिए।एकादशी पर उपवास करना चाहिए।जनार्दन की प्रतिमा का पूजन, पाद से सिर तक विभिन्न अंगों की 'विभूतये नम: पादौ विकोशायेति जानुनी' आदि वचनों के साथ में पूजा, विष्णु प्रतिमा के समक्ष जलपूर्ण घट में स्वर्णिम मछली, रात्रि भर जागरण करना चाहिए। दूसरे दिन प्रात: जिस प्रकार विष्णु अपनी महान अभिव्यक्तियों से विमुख नहीं रहते, आप मुझे संसार की चिन्ताओं के पंक से मुक्त करें नामक प्रार्थना के साथ स्वर्णिम प्रतिमा एवं घट का दान करना चाहिए। कर्ता को प्रतिमास क्रम से दशावतारों, दत्तात्रेय एवं व्यास की प्रतिमाओं का दान करना चाहिए और यह दान कृत्यद्वादशी पर एक नील कमल के साथ में किया जाता है। बारह द्वादशियों की परिसमाप्ति के उपरान्त गुरु या आचार्य को एक लवणाचल, पलंग तथा उसके साथ के अन्य उपकरण, एक गाय, ग्राम या भूमि का दान तथा अन्य ब्राह्मणों को गायों एवं वस्त्रों का दान करना चाहिए।
See puja/sadhana rules and regulation
See- about Diksha
See- Mantra jaap rules
Katha-Path Days | 1 day Vibhuti dvadashi vrat katha paath |
Tithi Muhurth | Krishna Paksha Dvadashi, Shukl Paksha Dvadashi |