Tara Sadhana Shivir

शिवानंद दास जी के मार्गदर्शन मे

तारा साधना शिविर

TARA MAHAVIDYA SADHANA SHIVIR FOR STRONG PROTECTION

25-26 MARCH. 2023 at Vajreshwari near Mumbai.


मुंबई के निकट वज्रेश्वरी मे महाविद्या तारा साधना शिविर का आयोजन होने जा रहा है. महाविद्या मे दूसरी महाविद्या तारा मानी जाती है ये हिंदू धर्म व बौद्ध धर्म की शक्तिशाली देवी मानी जाती है. ये माता तिब्बत मे महामाया के नाम से प्रचलित है ये अपने भक्तो को भौतिक व संसारिक सुख प्रदान करती है. इस शिविर मे इनके सभी स्वरूपो यानी शुभ कार्यो मे सफलता देनेवाली "श्वेत तारा",,, आरोग्य, सुख, संतुलन और संतान सुख देने वाली "उष्ण विजया तारा",,,,,, दुःख, भय, शोक और अज्ञानता दूर करने वाली "भृकुटी तारा",,,,,, रोगों से छुटकारा देने वाली "नील तारा"... व शत्रु नजर बाधा से मुक्ति देने वाली "खड्ग युद्ध तारा" की साधना होगी. इनकी साधना अकस्मात धन प्राप्ति के क्षेत्र मे सबसे ज्यादा की जाती है. ये माता संसारिक व भौतिक जीवन मे आने वाले सभी दुखो का नाश करती है. ... इसमें भाग लेने के दो तरीके है एक तो इस पूजन शिविर मे आकर साधना में भाग ले सकते है दूसरा आप ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं अगर आप भाग लेना चाहते हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया है वहां पर फॉर्म भरकर आप इस शिविर मे शामिल हो सकते हैं


इसमें भाग लेने के दो तरीके है एक तो इस पूजन शिविर मे आकर साधना में भाग ले सकते है दूसरा आप ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं अगर आप भाग लेना चाहते हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया है वहां पर फॉर्म भरकर आप इस शिविर मे शामिल हो सकते हैं


TARA SADHANA SHIVIR- BOOKING


Call for booking-91 7710812329/ 91 9702222903


अगर आप भाग लेना चाहते हैं तो "तारा साधना शिविर बुकिंग" का लिंक दिया है वहां पर फॉर्म भरकर आप इस शिविर मे शामिल हो सकते हैं. TARA SADHANA SHIVIR- BOOKING


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Kalank chauth pujan

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कलंक चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर चंद्रमा का दर्शन कलंक...
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कलंक चतुर्थी पूजन

कलंक चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर चंद्रमा का दर्शन कलंक लेकर आता है। इस दिन चन्द्र दर्शन करने पर व्यक्ति को कलंकित होना पड़ सकता है। गणेश चतुर्थी को 'कलंकी चौथ' भी कहते हैं। इस चतुर्थी को चाँद देखना वर्जित है।

यदि भूल से भी चौथ का चंद्रमा दिख जाए तो 'श्रीमद् भागवत्' के 10वें स्कंध के 56-57 वें अध्याय में दी गयी 'स्यमंतक मणि की चोरी' की कथा का आदरपूर्वक सुननी चाहिए। भाद्रपद शुक्ल तृतिया और पंचमी के चन्द्रमा का दर्शन करना चाहिए। इससे चौथ को दर्शन हो गये तो उसका ज्यादा खतरा नहीं होगा।

मानव ही नहीं पूर्णावतार भगवान श्रीकृष्ण भी इस तिथि को चंद्र दर्शन करने के पश्चात मिथ्या कलंक से नहीं बच पाए थे।

दिव्ययोगशॉप के विशिष्ठ पंडित विधि-विधान से कलंक चतुर्थी पूजन संपन्न करते है। इसमे पृथम गणेश पूजन के साथ गौरी, शिव तथा कार्तिकेय की पूजा संपन्न की जाती है तत्पश्चात कलंक चतुर्थी पूजन के बाद हवन संपन्न किया जाता है। इस पूजा से ग्रहस्थ जीवन मे सफलता, नौकरी व्यवसाय मे सफलता मिलती है।

अनंत चतुर्थी पूजन सामग्रीः

गणेश आरती बुक

गणेश गुटिका

३ गोमती चक्र

सिद्ध गणेश फोटो

गणेश माला

तांत्रोक्त गणेश नारियल

कलंक चतुर्थी पूजन की संपूर्ण विधि

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