Anagha ashtami pujan
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अनघा अष्टमी पूजन
भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अनघ एवं अनघी की पूजा की पूजा की जाती है। डाभ के अनघ और अनघी निर्माण करके गोबर से पोती हुई वेदी पर विराजमान कर गन्धादि से उसका पूजन करे। शूद्र नमस्कार करते हैं और अन्य लोग ऋग्वेद अतो देव का मन्त्र पढ़ते हैं। इस प्रकार प्रत्येक कृष्णाष्टमी को एक वर्ष तक करे तो सम्पूर्ण प्रकार के पाप दूर हो जाते हैं।
दिव्ययोगशॉप के विशिष्ठ पंडित विधि-विधान से अनघा अष्टमी पूजन संपन्न करते है। इसमे पृथम गणेश पूजन के साथ गौरी, शिव तथा कार्तिकेय की पूजा संपन्न की जाती है। तत्पश्चात अनघा अष्टमी पूजन के बाद हवन संपन्न किया जाता है। इस पूजा से ग्रहस्थ जीवन मे सफलता, नौकरी व्यवसाय मे सफलता मिलती है।
अनघा अष्टमी पूजन सामग्रीः
अनघा आरती बुक
अनघा गुटिका
३ गोमती चक्र
सिद्ध अनघा फोटो
अनघा माला
तांत्रोक्त अनघा नारियल
अनघा अष्टमी पूजन की संपूर्ण विधि
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