Govatsa dvadashi vrat katha paath
Overview
गोवत्स द्वादशी
गोवत्स द्वादशीकार्तिक महिने में कृष्ण पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है। हिन्द धर्म ग्रंथों के अनुसार इसे बड़ा ही महत्त्वपूर्ण माना गया है। इस दिनगाय तथा उनके बछड़ों की सेवा की जाती है। नित्यकर्म से निवृत्त होने के बाद गाय तथा बछडे़ की पूजा करनी चाहिए। यदि किसी के यहाँ गाय नहीं मिलती तो वह किसी दूसरे के घर की गाय का पूजन कर सकता है। घर के आस-पास भी यदि गाय और बछडा़ नहीं मिले, तो गीली मिट्टी से इनकी आकृति बनाकर उनकी पूजा की जा सकती है। इस व्रत में गाय के दूध से बनी खाद्य वस्तुओं का उपयोग नहीं किया जाता है। यह व्रत बहुत फलदायी है। कोई भी उम्र के लोग इस व्रत को कर सकते है।
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Features
Katha-Path Days | 1 day Govatsa dvadashi vrat katha paath |
Tithi Muhurth | Krishna Paksha Dvadashi, Shukl Paksha Dvadashi |
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