Akshaya tritiya pujan
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अक्षय तृतीया पूजन
Next akshaya tritiya muhurth 21st april 2015.
अक्षय' का अर्थ है. "जो कभी भी समाप्त नहीं होता" अर्थात ' जो अंतहीन है। हमारे धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह दिन सुख-सौभाग्य और सफलता का सूचक है। इस दिन को 'सर्वसिद्धि मुहूर्त भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिये पंचांग देखने की ज़रूरत नहीं होती। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन जो भी अपने या स्वजनों द्वारा किये गये जाने-अनजाने अपराधों की सच्चे मन से ईश्वर से क्षमा प्रार्थना करे तो भगवान उसके बुरे कर्मो को क्षमा कर देते हैं और उसे सदगुण प्रदान करते हैं, अतः अक्षय तृतीया के दिन अपने दुर्गुणों को भगवान के चरणों में सदा के लिये अर्पित कर उनसे सदगुणों का वरदान मांगना चाहिए। इसलिए इस अक्षय तृतीया के दिन में शीतल जल, कलश, चावल, चना, दूध, दही आदि खाद्य व पेय पदार्थों सहित वस्त्राभूषणों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी माना गया है। सुख शांति की कामना से व सौभाग्य तथा समृद्धि हेतु इस दिन शिव-पार्वती और लक्श्मी-नारायण की पूजा का विधान है। इस दिन श्रद्धा विश्वास के साथ व्रत रखकर जो प्राणी गंगा-जमुनादि तीर्थों में स्नान कर अपनी शक्तिनुसार देव स्थल व घर में ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ, होम, देव-पितृ तर्पण, जप, दानादि शुभ कर्म करते हैं या करवाते है उन्हें उन्नत व अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
तृतीया तिथि माँ गौरी की तिथि है, जो बल-बुद्धि वर्धक मानी गई हैं। अत: सुखद गृहस्थ की कामना से जो भी विवाहित स्त्री-पुरुष इस दिन माता गौरी व सम्पूर्ण शिव परिवार की पूजा करते हैं, उनके सौभाग्य में वृद्धि होती है। यदि अविवाहित स्त्री-पुरुष इस दिन श्रद्धा विश्वास से माता गौरी सहित शिव को परिवार सहित शास्त्रीय विधि से पूजते हैं तो उन्हें सफल व सुखद वैवाहिक सूत्र में अविलम्ब व निर्बाध रूप से जुड़ने का पवित्र अवसर अति शीघ्र मिलता है।
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन अक्षय तृतीया में पूजा, जप-तप, दान स्नानादि शुभ कार्यों का विशेष महत्व तथा फल रहता है। इस तिथि का जहाँ धार्मिक महत्व है, वहीं यह तिथि व्यापार मे उन्नति के विशेष तौर जानी जाती है। इस दिन स्वर्णादि आभूषणों की ख़रीद-फरोख्त को बहुत ही शुभ माना जाता है।
दिव्ययोगशॉप के विशिष्ठ पंडित विधि-विधान से अक्षय तृतीया पूजन संपन्न करते है। इसमे पृथम गणेश पूजन के साथ गौरी, शिव तथा कार्तिकेय की पूजा संपन्न की जाती है तत्पश्चात लक्ष्मी-नारायण पूजन के बाद हवन संपन्न किया जाता है। इस पूजा से ग्रहस्थ जीवन मे सफलता, नौकरी व्यवसाय मे सफलता मिलती है।
अक्षय तृतीया पूजन सामग्रीः
लक्ष्मी आरती बुक
लक्ष्मी यन्त्र
लक्ष्मी गुटिका
३ गोमती चक्र
सिद्ध लक्ष्मी फोटो
लक्ष्मी माला
तांत्रोक्त लक्ष्मी नारियल
अक्षय तृतीय पूजन की संपूर्ण विधि
See puja/sadhana rules and regulation
See- about Diksha
See- Mantra jaap rules