Bhaumvati amavasya pujan

भौमवती अमावस्या तिथि के दिन विशेष रुप से पितरों के लिये किए जाने वाले कार्य किये जाते है। इस दिन पितरों के लिये...
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Bhaumvati amavasya pujan

Overview

भौमवती अमावस्या पूजन

भौमवती अमावस्या तिथि के दिन विशेष रुप से पितरों के लिये किए जाने वाले कार्य किये जाते है। इस दिन पितरों के लिये व्रत और अन्य कार्य करने से पितरों की आत्मा को शान्ति प्राप्त होती है। शास्त्रों में में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। इसलिए इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, दान-पुण्य का महत्व है। जब अमावस्या के दिन सोम, मंगलवार और गुरुवार के साथ जब अनुराधा, विशाखा और स्वाति नक्षत्र का योग बनता है। तो यह बहुत पवित्र योग माना गया है। इसी तरह शनिवार, और चतुर्दशी का योग भी विशेष फल देने वाला माना जाता है।

दिव्ययोगशॉप के विशिष्ठ पंडित विधि-विधान से भौमवती अमावस्या पूजन संपन्न करते है। इसमे पृथम गणेश पूजन के साथ गौरी, शिव तथा कार्तिकेय और हनुमान जी की पूजा संपन्न की जाती है तत्पश्चात भौमवती अमावस्या पूजन के बाद हवन संपन्न किया जाता है। इस पूजा से ग्रहस्थ जीवन मे सफलता, नौकरी व्यवसाय मे सफलता मिलती है।

भौमवती अमावस्या पूजन सामग्रीः

भौमवती आरती बुक

भौमवती गुटिका

३ गोमती चक्र

सिद्ध भौमवती फोटो

भौमवती माला

तांत्रोक्त भौमवती नारियल

भौमवती अमावस्या पूजन की संपूर्ण विधि

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